जिस प्रकार बंजर जमीन नदी के किनारे होता है, पानी तो होता है पर पैदावर नही होता। उसी तरह सज्जन मनुष्य के किनारे बुरा मनुष्य होता है, मानवता तो होता है पर निभाना नही आता है।।
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