गुरुवार, 24 सितंबर 2015

जाना तो आखिर आर्थी में है

लाखो आविष्कार  कर लो जाना तो आर्थी में है
कितना भी उछल कूद कर लो
एक दिन जाना तो आर्थी में है
दुनिया वाले के समाने कुछ भी करलो
दुनिया के रचना करने वाले के सामने हिम्मत नही होगा
ऊची इमारत रखलो कुछ कम नही आयेगा
जाना तो आखिर खाली हाथ है
आपने आवास पर गर्व ना कीजिये
कल आपको आपका आवास भी भुला देगा
फिर किस बात का घमण्ड ?
जमीन पर लेटे होंगे
आपके ऊपर मिट्टी होगा राही चल देंगे आपके ऊपर
बुरे तथा अच्छे कर्म करने वाले
दोनों का अंतिम यात्रा आर्थी में होता है
जीवन का अंतिम ट्रेन आर्थी है
अंतिम स्टॉप शमशान है ।

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