रविवार, 27 सितंबर 2015

मेरे कलम से मानव जीवन पर कटाक्षवार

आज का कठिन और कड़वा सत्य
"आज मानव मन मानवता की ओर नही परन्तु पशुता की ओर बढ़ रहा है।"

मानव की मानवता है भी की नही ये नही पता
मानव की मानवता कही खो गया है।
              
                          "अमित चन्द्रवंशी"

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