गुरुवार, 24 सितंबर 2015

चिड़िया

एकदिन पिंजरे में बंद चिड़िया से पूछा कैसा लगता है ?

चिड़िया बेबस होकर
दम घुटता है बेजुबान हु इसलिए मेरा बेजुबनी का फायदा उठा रहे है खास ये पिंजरे नही बने होते मैं भी स्वछंद आकाश में उड़ पाता मेरे चोच सुज गए है पिंजरे को काट काट कर
आखिर अब मुझे बंधवा नही रहना है ।

मैं
आप अपने आपको मत कोसिए ये दुनिया बहुत स्वार्थी है  यह सिर्फ अपने बारे में सोचते है आप बेजुबान हमारे नजरो में हो आपने परिवार में नही।

चिड़ियों की दशा की तरह आज हमारे समाज में बाल मजदुरी है जो देश की सबसे बड़ी समस्या है।

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