इतने दिनों तक तुम मुझे अंधरे में रखे और तो और मेरा ब्रो भी वही किया मेरे साथ टूटने का दर्द और डर था मुझे पर कर भी क्या सकता था इश्क़ किया था यार तेरे से , गुमरहा नही जब दिल से निकलना था तो दिल क्यों लगाई बैठी थी मेरे से बात क्यों करती थी घण्टो घण्टो तक फ़ोन पर बाते क्यों करती थी क्लास में भी इग्नोर करना चाहा था तुझे पर मैं तेरे से बहुत प्यार करता था तुझे चाह कर भी भुला नही सकता हु तू मुझे भूल जायेगी पर मैं तुझे कभी भूल नही सकता यार । गुमराह क्यों किया जब तुझे पता था हर्ट बहुत ज्याद हो जाऊंगा मैं मुझे झूठ के आड़ में क्यों रखी तू बेसक यार तुझे पहली मुलाकत के वक़्त मुझे सिखाव दिला देना था ना तेरे भाई आते मेरे पास और ना मैं उस दिन टूटता तेरे से फिर भी आखिर में मैं झुका उस दिन जो मैं तेरे से मोहब्बत जो करता था। मोहब्बत तो आज भी है पर प्यार तूने क्या किया तूने तो मुझे पूरी तरह तोड़ दिया । एक बार समझा देना था पहली बार जब मिले हम आज इस तरह मैं आज हर्ट नही होता आखिर कब तक गुमरहा करती तू पता तो चला ना यार जब फ़ोटो क्लिक किया बेसक मैं आज सबसे टूटने का इश्तहार कर लिया हु । किसी को दोस्त नही सिर्फ टाइमपास समझ बैठा हु अब दिल से विश्वास हमेशा के लिए उड़ गया हैं।
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