शनिवार, 7 अगस्त 2021

10 पालतू जानवर

1. गाय का परिचय 

• गाय एक महत्वपूर्ण पालतू पशु है। गाय विश्व मे सभी देश मे पाई जाती है व इसका दूध का महत्व सर्वाधिक है। विश्व मे लगभग 13 अरब गाय है, व विभिन्न गाय की जीवनकाल अलग अलग होती है भारतीय गाय 40 से 70 साल तक जीवित रहती है,भारत मे गाय के 28 नस्ले पाई जाती हैं, व हिन्दू धर्म मे गाय का महत्व है, गाय का चार पैर होता है व एक पूंछ होता है। गाय के रंग काला, भूरा, सफेद व चितकबरी आदि होता है।

2. ऊंट का परिचय 

ऊंट कैमुलस जीनस के तहत एक खुरदरी जीव है, अरबी ऊंट का एक कूबड़ होता है लेकिन  बैक्ट्रियन ऊंट के दो कूबड़ होते है। ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है, इसका उपयोग सवारी व समान ढोने का आता है। ऊंट 21 दिनों तक बिना पानी पिये रह सकता है, इसके भागने की अधिकतम गति 65 किलोमीटर/घण्टा है, व इसकी ऊँचाई 2.15 मीटर तक होता है, ऊंट का जीवनकाल 40 से 45 वर्ष तक होता है, ऊंट रेगिस्तान में अधिकतम पाया जाता है, व इसका रंग भूरे-सफेद में होता है।

3. गधा का परिचय 

गधा का चार पैर होता है। गधा घोड़े के प्रजाति का पशु है, यह घोड़े के समान दिखाई पड़ता है व इसका काम समान ढोने का रहता है, इसका पालन प्रमुखता कुमार व धोबी लोग करते है। गधा आकर में घोड़े से छोटा होता है व इसका कान बड़ा होता है, गधे का पूंछ उसके रंग से अलग होता है व यह मनबुद्धि होता है, गधा बारिश से नफरत करता है। गधा शाकाहारी पशु है व यह गर्मी में आराम करता है व सुबह, शाम व रात में इससे जितना चाहे काम करा सकते है, असुरक्षित माहौल से बचने के लिए गधा समूह में रहना पसंद करता है।

4. भैंस का परिचय 

भैंस का चार पैर होता है व यह एक दुधारू पशु है तथा यह प्राचीन समय से पालतू पशु है। भैंस मुख्यता भारत के गाँवों में पाया जाता हैं। इसका औसत वजन 140 से 150 किलोग्राम होता है, इसकी लंबाई 2.4 से 2.8 मीटर होता है, व ऊँचाई 1.4 से 1.6 मीटर तक होता है। भैंस का शरीर धूसर काले या फिर गहरे भूरे रंग का होता है व भैंस के शरीर में बहुत कम बाल होते है। इसके 2 मीटर तक लंबे सींग पीछे की ओर निकले एवं ऊपर मुड़े होते है।

5. खच्चर का परिचय

यह एक बेसर पशु है इसका जन्म घोड़े व गधी के मिलन स्वरूप होता है, घोड़ा व गधी दो अलग प्रजाति के है दोनों के गुणसूत्र आपस मे मिलता है तब खच्चर पैदा होता है। खच्चर को आमतौर में समान ढोने के काम मे लाया जाता है, यह घोड़े के समान दिखाई देता हैं पर ऊँचाई में कम होता है, इसकी ऊँचाई जन्म देने वाली घोड़ी की ऊँचाई पर निर्भर करता है। कुछ परिस्थितियों में मादा खच्चर गर्भ धारण कर सकती है। खच्चर की औसत आयु 30 से 45 वर्ष तक है, इसका रंग भूरे व रंगहीन होता है।

6. सुअर का परिचय 

सुअर एक मांसाहारी, टट्टी व गोबर खाने वाला पशु है, सुअर के चार खुर होते है सामने के दो खुर बड़े होते है व पीछे का खुर छोटा होता है, सुअर का ऊपरी हिस्सा में कुकुरदंत होता है जो बहुत ही मजबूत होता है। इसका थूथन सामने की ओर लटका रहता है व इसकी चमड़ी मोटी होती है, सुअर की लंबाई 3 फिट होता है व इसका जीवन काल 15 वर्ष होती है, सुअर का रंग काला व भूरा होता है। सुअर दो प्रकार के होते है जंगली सूअर व पालतू सुअर दोनों सुइडी कुल के अंतर्गत आता है।

7. भेड़ का परिचय 

भेड़ का चार पैर होता है व एक पूंछ होता है। भेड़ एक पालतू पशु है जिसे दूध, ऊन व मांस के लिए पाला जाता है। भारत मे करीब 40 नस्ल के भेड़ पाये जाते है इसका रंग सफेद, काला, रंगहीन, व भूरे आदि रंग का होता है। भेड़ का जीवनकाल 10 से 15 वर्ष होता है। भेड़ शाकाहारी होता है व पौधे व पत्ति खाना पसंद करता है। भेड़ के खाद से भूमि की उर्वरकता बढ़ती है व इसके दूध में सर्वाधिक प्रोटीन होता है।

8. बकरी का परिचय :

बकरी भेड़ की एक प्रजाति है, यह भेड़ के समान दिखाई देता है। बकरी एक शाकाहारी व पालतू जानवर है, बकरी का पालन दूध व मांस के लिए किया जाता है साथ ही बकरी से रेशा, चर्म, खाद व बाल प्राप्त होता है। बकरी की औसत उम्र 15 से 20 वर्ष होती है, दुनिया मे 300 नश्ल की बकरियां पाई जाती है व भारत मे 20 नश्ल के बकरी पाई जाती है। विश्व मे 92.4 करोड़ बकरियां पाई जाती है। बकरी की लंबाई 41 से 58 सेंटीमीटर होता है, व इसका वजन 20 किलोग्राम से 140 किलोग्राम तक होता है।

9. घोड़ा का परिचय :

घोड़ा एक पालतू पशु है जिसे लगभग 5000 वर्ष पूर्व से मनुष्य पाल रहे है। दुनिया मे लगभग घोड़े का 160 नस्लें पाई जाती है, घोड़े का उम्र 30 से 50 वर्ष तक रहता है। इसकी ऊँचाई 2.4 मीटर रहता है, व इसका अधिकतम गति 88 किलोमीटर / घण्टे होता है। घोड़ा खड़ा व बैठकर दोनों तरह से सो सकता है, व रात में घोड़े का नजर इंसान से भी तेज होता है।


10. बैल का परिचय 

बैल एक चार पैर का पशु है, गाय का बछड़ा बैल होता है, व यह हल व बैलगाड़ी खिंचने का काम करता है, महाराष्ट्र में पोला पर्व में बैल (ऋषभदेव) की पूजा करते है। बैल का वजन 1400 किलो तक होता है व इसकी ऊँचाई करीब 6.4 फीट होता है, बैल का दो सिंग होता है व एक पूंछ होता है, बैल अधिक ताकतवर पशु होता है।

गुरुवार, 10 जून 2021

NFSA, डूंगरी ला

डूंगरी ला

डूंगरी ला में विश्व की सबसे ऊची मोटरेबल सड़क मार्ग भारत ने बनाया है, यह उत्तराखंड में 18192 फीट में स्थित है, इसका नाम माणा पास रोड है जो कि सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ से चीन पर हमेशा नजर रखा जा सकता है, एवं भारतीय सेना सीमा में तैनात है उनको समय पर रसद व हथियार पहुँचाया जा सकता है।



NFSA


राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) 10 सितंबर 2013 को भारत सरकार ने अधिसूचित किया है।  जिसके तहत रियायती दरों मे लाभार्थियों को खाद्यान्न की पूर्ति किया जा रहा है। वर्तमान समय मे अंत्योदय अन्न योजना व लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) में आने वाले परिवार के रूप में फरवरी 2021 तक 2.37 करोड़ परिवार यानी कि 9.01 करोड़ लोगों को लाभ मिल रहा है।


नीम

भारत उपमहाद्वीप में पाये जाने वाला नीम पेड़ का वानस्पतिक नाम अजादिरछटा इंडिका है, इसका वनस्पतिक नाम संस्कृत भाषा के निंब  से बिना है। यह पर्णपाती पेड़ है जिसकी लंबाई लगभग 15-20 मीटर तक होता है, जड़ प्रणाली में इसका जड़ पार्श्व जड़ें में आता है जो कि मजबूत होता है। नीम का फल को निंबोली कहते है इसका छिलका पतला व गूदेदार, सफेद पीले रंग का एवं स्वाद में कड़वा-मीठा होता है।



थेय्यम 

थेय्यम केरल के उत्तर मालाबार का प्रमुख नृत्य है, इस नृत्य में प्रत्येक कलाकार शक्तिशाली नायक का किरदार निभाते है। यह नृत्य कण्णूर और कासरगोड के अनेक मंदिरों में दिसम्बर से अप्रैल के मध्य होता है, इस नृत्य को करके प्राचीन परम्परा को याद करते है एवं कला परंपरा को जीवंत रखने का कार्य करते है।



हर्षवर्धन 

7वी शताब्दी के शुरुआत 590-647 ई. में कन्नौज व थानेश्वर राज्य में राज सिहांसन में हर्षवर्धन विराजमान था। इसके पिता प्रभाकरवर्धन थे जो कि वर्धन राजवंश से था। हर्षवर्धन एक बौद्ध हिन्दू धर्म के महाप्रतापी राजाओं में से एक था, इन्हें सम्राट हर्ष के नाम से भी जानते है। हर्ष ने सती प्रथा में प्रतिबंध किया एवं शिक्षा का महत्व दिया साथ ही प्रयाग का महाकुंभ मेला भी इन्होंने चालू कराया है।

बुधवार, 27 जनवरी 2021

technical

प्रौद्योगिकी में नई प्रगति कक्षाओं में होने वाले शिक्षा को शिक्षकों और छात्रों के दिमाग को प्रभावित कर रही है।

 बहुत सारी चीजें हैं जो जीवन और शिक्षा के बारे में कही जा सकती हैं, लेकिन पहली बात जो दिमाग में आती है वह यह है कि दोनों में से कोई भी स्थिर नहीं है,  दोनों आपस में गतिशील हैं।  सिस्टम इसे पसंद करती है या नहीं, यह समय के अनुरूप रहने के लिए समय के साथ बदलते रहता है , अन्यथा  यह कभी भी बदलती प्रतिस्पर्धी की दुनिया में पीछे छूट जाने का जोखिम रहता है, जो कि वैश्वीकरण और सूचना प्रौद्योगिकी क्रांतियों से प्रेरित है।  बहुत से लोग एक साधारण तथ्य को महसूस नहीं करते हैं: शिक्षा और प्रौद्योगिकी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।  प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई प्रगति में  कक्षाओ व  प्रयोगशालाओं में होने वाले शिक्षा और टेस्टिंग शिक्षकों और छात्रों के दिमाग को प्रभावित करते है। 

पिछले 15 साल में क्लास रूम शिक्षा, ऑनलाइन शिक्षा, या फिर मिश्रित शिक्षण मॉडल आदि पर गहरा प्रभाव व बदलाव देखने को मिला है। उन संस्थानों में जहाँ चॉक से ब्लैक बोर्ड व ग्रीन बोर्ड में लिखकर व बोलकर समझाया जाता था वहाँ अनुभव, सेमिनार व वेबिनार ने ले लिया है, और क्रमशः यह अपने क्रम में आजके जमाने से चल रहा है।।


यहां तक ​​कि आज के समय मे  परीक्षाओं में भी बदलाव आ गया है। आज के समय में एल बार होने वाली वार्षिक परीक्षा की पुरानी परम्परा के विपरीत निरंतर मूल्यांकन के लिए हर संस्थान में एक निश्चित प्रावधान बन गया है।  प्रौद्योगिकी और परीक्षा पैटर्न इतनी तेजी से बदल रहे हैं कि शिक्षक इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या वह दिन आएगा जब यह फोल्डबले लिक्विड क्रिस्टल डिसप्ले (LCD) हो जायेगा अर्थात शिक्षा पुस्तकों, कागजों और कलमों से पूरी तरह से अलग हो जाएगा।

@Copyright Unknown
It's translated by me 

शनिवार, 16 जनवरी 2021

Micro USB Adapters & OTG: Wire of Ease'

 Micro USB Adapters & OTG: Wire of Ease'

 

The world of smartphone industry and its peripherals are constantly growing and its each phase of growth characteristically marked with the basic principle of smaller is better and adapters are not an exception to this principle. From 1.5 m long adapters this has shrinked to few inch long otg connector & micro mini Adapter. We present before you the best of best micro Adapter for you. Check it out here.

 

 

1: AmazonBasics USB Type-C to USB 3.1 Gen 1 Female Adapter - Black

Amazon offers its amazonbasics otg Data Cable that easily connects with standard USB type A enabled devices like mouse, flash drive,keyboards. This is a reliable connector as it is USB IF Certified data cable which simply means it has been tried and tested on three standards– mechanical,electrical and environmental

.It is data cable  with high performance which quality is backed by Amazon brand itself.

This female Adapter is matchless in its price range in term of data transfer speed that is 5Gbps along with making this Amazon data cable easily connectable.It easily charge and sync  with different sorts of devices like tablet,smartphone,power bank,laptop,external HDD,keyboard & mouse because of its reversible type C connector. It is 5.5 inch long cable with a warranty period of 1 year that is again a big bonus for the consumers. Color variants : Two colors black and white are available in this model.

Cons : With the fast changing modern otg Data cables , amazonbasics appear to a standstill that makes it a bit less competitive in market.

 

 

2: EFTCOME High Speed Micro USB OTG Data Cable Adapter Attach Pendrive, Keyboard for Mobile Phone, Tablet

Brand EFTCOME  presents this high speed Micro USB data cable Adapter that is compatible to attach smartphone with keyboard, pendrive and tablet.Hence your experience is going to be super smooth.

 

This Micro USB data cable is present with two colour variants – White and black.

Cons: If we look for its drawback we find that there are other OTGs with better transmission speed .Its durability too is a concern for the users as it has not cotton or nylon braided cover.

3:Classico Type C OTG cable

This beautiful looking Classico Type C OTG cable improves your connectivity with its standard USB 3.0 Port and USB 3.1 Type C reversible design.

Its data transfer speed is amazingly as high as 5gbps and it can send data from your OnePlus 5, OnePlus 3T or OnePlus 3  with receiving capacity too in the same devices only you need to connect your phone to a USB flash drive or other external storage devices.  .It can be connected with mouse,keyboard,pendrive and card reader too. If you are a online game lover,this product of the company seeks for your attention towards its feature  of Transforming your smartphone into capable of giving you a desktop like experience by connecting a mouse or keyboard to your OnePlus3 or OnePlus3T.

If we see its price it may appear comparatively higher and this is the biggest shortcomings of this otg cable.

 

 

4: CableCreation High speed Micro USB Data Cable:

 

This data cable is extra durable because of its nylon braiding and its clutter free in  design .Naturally the life span of the product is prolonged by this design.

It  is highly compatible with USB3.0,

Pendrive,computer,laptop,firestick,tv and

powerbank.

This 15 cm long  data cable is easy  to carry even when your smartphone is in your pocket and getting charged with the power bank connected to it.This is the best of all the OTGs data cable in its category and worth buying.

Cons: Its high price is major barrier as so many other products almost give less or more same facility in low price range.

 

 

5: Cable creation double otg Data Cable:

 

This space gray coloured  cable with gold plated connectors offers dual support

as it connects Micro USB & USB C OTG . This data cable is special in many terms as it has Universal Compatibility.Its  otg and data cable makes it amazingly unique as it connects with all the major premium devices available in market  like Apple MacBook Air,Google Chromebook Pixel, Samsung Galaxy,OnePlus3 ,Huwaei  in

 its different variants.Its USB 2.0 is compatible with U disc, memory stick, flash drive,gaming controller of Xbox one controller along with regular feature

of its compatibility with mobile,tablet,keyboard,mouse

,camera,printer.

  If we talk about its durability, its flexible  cotton braided jacket makes it last longer.

Data transmission speed in this data cable is 480 mbps.

Its high quality aluminium alloy shell is designed in a way that may give outlet for heat dissipation in case of long connected devices with it.

 

Cons:   Its high price and  sombre color choice of cotton braiding may be seen as a setback by the young users who wish to see lively colour pattern.

 

 

6: CableCreation Short Micro USB to Micro USB OTG Cable

This 0.2 metre long otg Data cable

stands out  the list of  all above mentioned otg Data cables for the obvious reason

of its special connectability feature

 as it may connect with all micro

USB OTG enabled devices like windows

& android phones, digital cameras,laptop, power bank, MP3 player,Bluetooth headset ,kindle fire & DJI spark/mavic drones and even one phone to another for direct data transfer.

 Its gold plated connectors give it an aesthetic touch and sobre look .It is used to tether devices together,Charging  and data transfer in the most convenient manner.

Its cotton braided cable makes the product durable and long lasting and hassle free as it is tangible free wire so you need not worry about its safety .Its data transfer speed too is competitive amidst the products of its range.Cherry on the cake is its low price

 

Cons:  about its negative aspects its color variants are not available other than this.

 

Overall if we sum up the whole observation simply consumers have many more options that is competitive and convenient .Cable creation of course is giving varied range in its product line that makes it worth noticing company for data cable and otg section.

 

बुधवार, 2 दिसंबर 2020

किसान आंदोलन का जड़

यह आक्रोश अन्नदाता का है, सरकार को अन्नदाता की बात सुनी चाहिए...

किसान आंदोलन सरकार के किसान बिल के विरुद्ध है, लेकिन सरकार अबतक बिल को समझाने में नाकाम क्यों रही? इस पर विचार विमर्श करने की जरूरत है, आखिर आज इतनी बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में क्यो आकर बैठ गई क्या सरकार विज्ञापन के माध्यम किसान बिल को समझा नही पाया या किसान समझने की कोशिश ही नही किये ये दोनों अलग मुद्दे नही, किसान बिल से जुड़े हुए है। 

1857 में बगावत का दौर था या कहे कम्पनी शासन के प्रति आक्रोष, प्रथम स्वंतत्रता संग्राम के समय भारतीय जनमानस भुखमरी से जुंझ रहा था वही किसानी भूमि हस्तांतरण हो रहा था एक ओर निम्न किसान व मजदूरों की हालात दयनीय थी वही विद्रोह का सूत्रपात हुआ, बाहरी घटनाओं का भी प्रभाव पड़ा।

आजादी के बाद 1967 में भारत भुखमरी से गुजर रहा था, तब पश्चिमी गुट के भरोसे भारत था, और उस वक़्त अमेरिका गेंहू देने से मना कर दिया तब भारत के किसान ने हार नही मानी और अथक प्रयास व परिश्रम से आज हम खाद्यपदार्थ पर स्वयं के पैरों पर खड़े है। किसान कभी भी खेती नही कर सकता है क्योंकि कभी मानसून के न आने का दुःख किसान से अच्छा कोई नही समझ सकता है। 1987 में भीषण आकाल ने लोगों को क्रोधित कर दिया वही, किसान संघठन एकजुट हुए और उनकी मांग थी कृषि उपज के लिये ऊंची कीमत व सब्सिडी मिले, यह मांग वास्तव में जायज थी, आज भी उचित मूल्य पर ही बात हो रही है और मांगे जायज है।

किसान दिनरात मेहनत करते है, लेकिन कभी मानसून का मार कभी बिजली आपूर्ति के चलते फसल बर्बाद हो जाता है, और ऐसे वक्त में किसान का दुःख कोई नही समझता है। आज किसान दिल्ली में धरना दे रहा है, क्योंकि किसान नाराज है, और लोकतांत्रिक देश मे यह आम बात है जनता द्वारा चुना गया सरकार जनता की बात नही सुनेगा तो कौन सुनेगा? प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रश्न खड़ा हो रहा है, क्या प्रेस किसान बिल को नही समझा पा रहा है या सरकार का बिल गलत है? यह दोनों मुद्दे आज गम्भीर है। किसानों के ऊपर आश्रु गैस छोड़ना है या पानी का कैन डालना गलत है शांति से अपनी बात सरकार को रख रहे है ऐसे में किसान अपराधी कब से हो गए? यह दूसरे आंदोलन की तरह पेट की बात है साहब, विचार मंथन व एक दूसरे से बात करने पर समस्या का हल होगा।

किसान आंदोलन में राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगी हुई है यह सभी आंदोलन में होता रहा है कोई नई बात नही है, लेकिन वही जब इंदिरा को ठोके है मोदी क्या चीज है, यह बहुत ही घटिया है, अशोभनीय है, खालिस्तानी विचारधारा जरनैल सिंह भिंडरावाले का फोटो लेकर आंदोलन में आना बहुत ही निंदनीय है, इसे मुद्दे पर यह भार कम पड़ेगा, इस तरह से पूरे किसानो समुदाय को खालिस्तान व पाकिस्तानी सोच कहना बहुत ही अशोभनीय है। 

किसानों की बात सरकार को सुनाना चाहिए, जितना जल्दी हो एक दूसरे के समझ व सोच बुझ  के हिसाब से सरकार व किसानों का आपसी सहमति से काम करने का समय है। किसानों का हक मिलना चाहिए, और msp को कानूनी मंजूरी देते हुए, किसानों का पूरी अनाज सरकार को उचित मूल्य में लेना चाहिए। 

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"

शनिवार, 28 नवंबर 2020

भाषायी पुर्नगठन पर छत्तीसगढ़ी

स्वतंत्रता के पूर्व भारतीय राज्य क्षेत्र में बंटा हुआ था ब्रिटिश भारत व देशी रियासतों। छत्तीसगढ़ विंध्याचल में आता था उस वक़्त, वर्तमान मध्यप्रदेश, अब वास्तविक स्वरूप में छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ की बात कि जाए तो हम भाषायी रूप से अलग नही विकास के नाम पर बस्तर व सरगुजा को ध्यान में रखते हुए विविधता से भरा हुआ छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश से अलग हुआ। 

छत्तीसगढ़ के हिस्से में अनेक बोलियां व राजभाषा छत्तीसगढ़ी मिला जो हमारे लिए एक तौफा है, क्योंकि कुछ राज्यों की अपनी भाषा ही नही है, सिर्फ बोली है। छत्तीसगढ़ी व हिंदी देवनागरी लिपि में पढ़ी व बोली जाती है, और त्रिभाषायी हिंदी, अंग्रेजी व क्षेत्रीय भाषा का महत्व अपनी राजभाषा से समझ आती है। 

हमारी राजभाषा छत्तीसगढ़ी है, भले ही राजभाषा में जुड़ा न हो या आठवीं अनुसूची में शामिल न किया गया हो, फिर भी विधायिक छत्तीसगढ़ी का चुनाव करती है। छत्तीसगढ़ी से बस छत्तीसगढ़ अलग हो नही सकता था क्योंकि हल्बी, सरगुजिया व गोंडी भी हमारी अपनी है, ऐसे में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी पर आज जोर दिया जा रहा है। 

छत्तीसगढ़ी की शब्दकोश बहुत पहले बन चुका था तकरीबन 1890 के दशक में, बाद में साहित्य पर ध्यान नही दिया गया व बोलचाल में थोड़ा परिवर्तन के कारण छत्तीसगढ़ी समृद्ध नही हुई जितना होना चाहिए, लेकिन आज साहित्य भी भरपूर मात्रा में, छत्तीसगढ़ी अनुवाद भी बहुत से है, कला परम्परा में साफ झलकता है, फ़िल्म में भी कमी नही, प्रशासनिक गलियारे भी अब पीछे नही है। 

छत्तीसगढ़ी का जन्म कब व कैसे हुआ इसका किसी को शायद जानकारी नही है, फिर भी कहा जाता है संस्कृत से हिंदी का जन्म हुआ और 10वी शताब्दी में हिंदी से छत्तीसगढ़ी, इसमें कोई दो मत नही है, छत्तीसगढ़ी आज अपने आप मे समृद्ध व शक्तिशाली है। 

अनुच्छेद 345 में छत्तीसगढ़ी को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा है, छत्तीसगढ़ी अपने आप मे मधुर व प्रिय है, जरूरी नही की हम बोले बस, छत्तीसगढ़ी में कलम भी चला सकते है, व छत्तीसगढ़ी को समृद्ध करने के लिए मनोरंजक बना सकते है। 

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"😊

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

सियासत की गलियारों में इंदिरा युग

सियासत की गलियारों में इंदिरा युग

इंदिरा गांधी ने वानर सेना का गठन किया था महज 13 वर्ष की उम्र में राजनीतिक गलियारे उस वक़्त होती नही थी न सोशल मीडिया व समाचारपत्र का जमाना था लेकिन उनके साथ इलाहाबाद में ही लगभग 5000 मेम्बर वानर सेना में थी। 

भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नैनी जेल का हवा भी लग गया था, बचपन से निडर व निर्भीक तो थी ही। जब देश का विभाजन हुआ तब दंगे व अराजकता के दौरान इंदिरा गांधी ने शरणार्थी शिविर को संगठित किया व पाकिस्तान से आये शरणार्थियों का देखभाल भी की। 

प्रधानमंत्री पद पर उन्होंने जो काम किया है वह हमेशा याद किया जायेगा। 1974 में अखिल भारतीय रेल हड़ताल थी, लेकिन उनकी सौम्यता कभी कम नही हुई, किसान भूमि सुधार से नाराज थे, उसके बाद 1975-1977 आपातकाल की स्थिति को आचार्य विनोबा भावे ने 'अनुशासन पर्व' कहकर स्वीकार किया था वही प्रसिद्ध पत्रकार खुशवंत सिंह ने आश्चर्यजनक रूप से स्वीकार किया था, बाद में हिंसा को देखते हुए खुशवंत ने इंदिरा सरकार पर प्रहार भी किया। 

1977 के चुनाव में इंदिरा हार गई, कांग्रेस में परिवर्तन तय था और वही हुआ। क्षेत्रिय हितों का जन्म वही से हुआ, आपातकाल नही होती तो क्षेत्रीय हित पर कोई ध्यान नही दे रहा था, हिंदी अंग्रेजी व प्रादेशिक भाषा लाया गया, जिसे त्रिभाषा कहा गया यह बहुत हद तक सार्थक सिद्ध हुआ। और राजनीति में कुर्सी वापस पाने के लिए समाजवादी विचारधारा को अपनाने का प्रयास किया। 

बैंक व अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों का राष्ट्रीयकरण कर अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। एमआरटीपी अधिनियम पारित किया, हम अक्सर काले दिन को याद करते है लेकिन इंदिरा गांधी के कार्यकाल को देखे तो सकारात्मक भी भरी पड़ी है। 

सोवियत संघ के साथ रिश्ते मजबूत हुए वही अमेरिका के साथ तनावपूर्ण, अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता था कि इंदिरा झुक जायेगी, वही इंदिरा ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिये, व बांग्लादेश का जन्म हुआ। परमाणु परीक्षण व 1971 में भारत  पाकिस्तान युद्ध में अमेरिका के सामने न  झुककर, विश्व के सामने भारत की छवि में सुधार की। 

सियासत में इंदिरा ने दूसरी बार सरकार में आई वही पंजाब अशान्ति व ऑपरेशन ब्लू स्टार ने इंदिरा को डस दिया। अमेरिका व कनाडा के राज्यों के तर्ज पर खालिस्तान मुक्त राज्य बनाने की मांग न मानते हुए वही हरमिंदर साहिब पर सैन्य कार्यवाही कर दी। 31 अक्टूबर 1984 की सुबह इंदिरा युग समाप्त हो गया।


-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"