बुधवार, 30 अगस्त 2017

संस्मरण- दादी की आखिरी निशानी मेरे पास है।

शुक्रगुज़ार है खुदा का जो हमे एक नया मौका और एक नई उम्मीद के साथ जीने के लिए देती है, हर सांसों में अक्सर एक ही बात नजर आती हैं, हमारा इंतक़ाल किस विकट स्थिति से होगा लेकिन वास्तव में देखा जाये तो मौत को गले लगाना मतलब हम अपने अरमान को पानी मे फेर दे रहे है लेकिन नियती को कोई बदल नही सकता है, मेरी दादी मुझे बहुत प्यारी करती थी लेकिन कहते है न होनी को कोई टाल नही सकते उनके साथ भी वही हुआ, दादा जी के चले जाने के बाद अपने आप को अकेले समझती थी खाने पीने में कोई परहेज नही था , नियत समय मे खाना पीना में ध्यान भटकता गया और विकट समस्या आ गई जब दादा की मृत्यु हुई दादी अपने आप को अकेले समझने लगी हम लोग मिलने जाते रहते थे और दादी भी कभी कभी आती थी। चाचा चाची के पास दादी गांव में रहती थी, गर्मी की छुट्टी में गया था,उस वक़्त मेरे छोटे दादा के बेटे चाचा जी  का शादी था; उस वक़्त दादी कहने लगी कि बेटा कान में क्या क्या पहना रहता है, सोना का पहना कर तेरे दादा जी भी पहनते थे, सोने की बाली फिर मैं मज़ाक किया कि पैसा दो तभी तो लूंगा; वैसे पापा को बोल कर रखा था पापा दिलाने वाले थे लेकिन दादी ने 5हजार रुपया दी और बोली कि कवर्धा जायेगा तो खरीद लेना और मम्मी के साथ जाकर खरीद लिया। मुझे क्या पता था दादी से ये मिलन आखिरी मिलन है और मैं अपने दादी से कभी मिल नही पाऊंगा लेकिन उनका अहसास मेरे पास हमेशा जीवित रहेगा, दादी की मृत्यु हुई तो बताये नही थे कुछ समय बाद फोन आया कि अमित कहाँ पहुँचा है? तेरा राह देख रहे है कब तक आ जायेगा? और सीधे शब्द में कह नही पा रहे थे कि दादी की मृत्यु हो गई है जब मैं दोबारा फोन किया तब पता चला कि दादी नही रही और पंचतत्व में विलीन करने ले जा रहे है बहुत शाम भी हो गई थी और मैं जा भी नही पाया दूसरे दिन जाना था लेकिन पापा मना कर दिए बेटा तुम्हारा प्रैक्टिकल चल रहा है और आके वापस चले जाओगे और अंतिम संस्कार भी हो गया है, तुम अब दशगात्र के 1-2 दिन पहले आना, बात को न कटाते हुए हां कहा लेकिन मेरा मन मानने को नही था, फिर धीरे धीरे अपने आप से कहा अमित एक न एक दिन तो सभी को जाना है फिर क्या? वक़्त के साथ बढ़ते चलो मंजिल मिल जाती है वैसे ही मेरे साथ मेरी दादी तो नही रही लेकिन उनका अहसास यादे हमेशा रहेगा, और उनकी आखिरी निशानी भी मेरे पास है।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर,कवर्धा,छत्तीसगढ़

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