गुरुवार, 13 जुलाई 2017

निबंध- इकीसवीं शताब्दी में भारत

इकीसवीं शताब्दी में भारत

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"

21वी शताब्दी में भारत विकास की अपनी चरम सीमा में है, जो किसी भी क्षेत्र में इतना काबिलियत रखता है कि हमारे देश को कभी आंच नही आएगा। प्रगति का अर्थ है कमजोर को रौंद कर स्वयं आगे बढ़ाना कदापि नही।  दिन-ब-दिन प्रगति की ओर अग्रसर से है जो आजाद भारत के सभी नागरिक के लिए गर्व की बात है, हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है अनेकता में एकता की हिन्द की विशेषता हमेशा था और आगे भी इसी तरह सम्पूर्ण भारतीय एक रहेंगे, जितना भी विकास क्यो न कर ले एक न एक दिन फिर से हम शांति की तलाश में उस ओर जायेंगे जहाँ से हम आये है। गांव के गोद मे बसा है शहर, एक शब्द 'शहर' सभी को प्रिय लगता है ; 21वी सदी की भारत मे शहर की आबादी सिर्फ 10प्रतिशत  है परंतु गांव की आबादी 90प्रतिशत है, भारत विकासशील तथा प्रगतिशील देश है लेकिन दिन-ब-दिन विकसित देश मे तब्दील हो रहा है , विकास सभी के लिए अच्छे दिन की कल्पना है जो साकार होते नजर आ रहा हैं।

21वी शताब्दी में दो वाद निराशावादी और आशावादी आये है जो बहुत ही महत्वपूर्ण बात कहता है; निराशावादी के लोग कहते है 21वी सदी मे भारत के राज्य अलग अलग देश में तब्दील हो जाएगा, ऐसे शब्द जिसके मन मे है वही आज आतंकवादी, नक्सलवादी तथा चोर डकैत लोग  है जो भारत की विभाजन चाहते है ताकि सत्ता में बैठकर राज कर सके और राजनीति की रोटी सेंक सके, निराशावादी का दूसरा पहलू  राज्यवाद के लिए लड़ाई, जातिगत आरक्षण तथा भ्रष्टाचार से परिपूर्ण लोग है देश को खण्डित करने में लगे हुए है जिसका सपना कभी पूरा नही होगा विकाश के दौर में ऐसे सोच रखने वाले कभी किसी का भला नही कर सकता है। आशावादी के लोगो के विचार अनुकरणीय है जो 21वी सदी में भारत के साथ सही साबित हो रहा है विकाशशील थे विकसित की अनुभव कर रहे है, विश्व के सभी देश आज दोस्ती का हाथ आगे कर रहे है; उनका कल्पना था समाजिक , आर्थिक तथा राजनीतिक बहुत ही मजबूत होगा जो बहुत हद तक सही साबित हुआ है, आशावादी के लोग हमेशा देश को एक कि कल्पना किये है जो 21वी सदी में सही कगार में है।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है जो निरन्तर कृषि के क्षेत्र में आये दिन उन्नति की ओर अग्रसर है हमारे समाज में लोग आज शिक्षित है जो नवीनीकरण को ध्यान में रख हाइब्रिड बीज का उपयोग कृषि के क्षेत्र में ला रहे तथा शाश्वत जैविक यौगिक खेती करते है जो पर्यावरण के लिए अच्छा होता है कम लागत में लाभ होता है ड्रीप के माध्यम से जितना पौधे को पानी चाहिए उतना ही दे रहे है जिसे पानी व्यर्थ नही बह रहे है। कृषि के क्षेत्र में दिन-ब-दिन प्रगति कर रहे है हरितक्रांति का सपना साकार हो रहा है हरियाली पुनः देखने को मिल रहा है कृषि के बिन मानव जितना भी विकसित हो जाये फिर भी मानव शून्य ही रहेगा जब तक एग्रीकल्चर को बढ़ावा नही देंगे तब तक। कृषि क्षेत्र में ग्रीन टेक्नोलॉजी बहुत इम्पोर्टेंसी रखता है, हरितक्रान्ति बहुत सुंदर पहल है जिसे आम किसान को बहुत फायदेमंद है और कृषि के लिए पर्याप्त साधन मिल पायेगा और उसका लाभ सीधे आम जनता को मिल  रहा है।

चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हमारे देश मे बहुत से उपकरण बनाये जा चुके है जो छोटे से छोटे तथा जटिल से जटिल बीमारी का ईलाज करने की शक्ति रखता हैं। नेशनल हेल्थ पॉलिसी के अनुसार 'सभी के लिए स्वास्थ्य' यह बहुत सरहनीय कदम है जो देश के सभी लोगो इलाज मिल सके, सभी तरह के कैंसर का इलाज सम्भव है नित्य दिन हम विकास की ओर गमन कर रहे है और आये दिन रिसर्च कर रहे है जिसे किसी भी प्रकार की बीमारी से निजात पा सकते है। हम डॉक्टर को भगवान के बाद दूसरा स्थान देते है जीवनदाता प्रभु है बचाने वाले डॉक्टर है; बीमारी का निजात सरल हो गया है भारत मे पहले से ही चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च रहा है सुश्रुत जी की कल्पना और प्रयोग अनुकूलता से परिपूर्ण साबित हुआ है पहले ईलाज सूर्यकिरण, पत्ते, जड़ी बूटियों से ईलाज सम्भव हो पाता था आज नवीनीकरण के माध्यम से सरलता और सहजता आ गया है यही तो विकास है जो 20वी सदी में कम था आज 21वी सदी में चर्म सीमा में है।

रक्षा उपकरण के क्षेत्र मे नया मुकाम हासिल कर रहे है आज हमारे पास बहुत से समरीन है जो दुश्मनो को मारकक्षमता से बेहतरीन है बहुत से लड़ाकू विमान है जो समृद्ध है 'तेजस लड़ाकू विमान' हमारे देश का सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान है जो भारत मे बने है बहुत से मिसाईल बनाये जा चुके है जो विनाशकारी युद्ध करने की क्षमता रखता है और किसी भी देश को विकसित से अविकसित में तब्दील कर सकते है हमारे देश कक फ़ौज शक्ति 7वे पायदान मे है हमारे देश मे तीन प्रकार के फ़ौज है थलसेना, जलसेना तथा वायुसेना जो किसी भी  परिस्थिति में भारत की रक्षा के लिए प्राण की आहुति दे सकते है।

तकनीनी क्षेत्र में भारत का योगदान बहुत है आज इतने उपकरण, यंत्र निर्मित कर लिए है जिसकी कल्पना नही किया जा सकता है आज मंगल ग्रह तक का सफर तय कर लिए है भारत मे कंप्यूटर क्रांति के 22साल ही हुए है लेकिन सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट रेवोल्यूशन ने बैंगलोर का नक्सा बदल दिया। कम समय मे अधिक दूरी तय करने में चन्द समय लगता है जो एक समय मात्र सपना था आज वास्तविकता है आज तकनीक इतना डेवलप होगया है जिसे एक मिली सेकंड में दुनिया का खबर निकाल लेते है। उद्योगिक क्षेत्र में कंप्यूटर का महत्व अत्यधिक हो गया है जो एक नए भारत की कल्पना को साकार कर रहा है और उद्योगों के लिए यह आज आवश्यक तब जाके विकासशील से विकसित में तब्दील हो सकते है।

ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में हम आज दूसरे देशों से पीछे नही है आज दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहे है भारत मे आज कार के अधिकतर पार्ट्स बनते है लेकिन वह दिन दूर नही जब कार पूरी तरह  भारत मे बने उस दिन एक अनूठा इतिहास रहेगा भारत स्वर्णीम काल को फिर से दोहराएगा, बहुत से कंपनी यह पहल कर रहा है साथ ही साथ यह विकसित देश के गिनती के लिए सुनहरा मौका रहेगा। सायकिल बाइक ऑटो ट्रक आदि के बहुत से बड़े बड़े कम्पनियों के निर्माण भारत में हो गया है जो उत्पाद बना रहे है जो एक नए भारत की सच्चाई है जो मेक इन इंडिया (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सपनो को साकार कर रहा है) यह पहल प्रधानमंत्री जी ने भारत को विकास के लिए किया है जो हमारे समाज मे शिक्षा नौकरी स्वास्थ्य आदि के लिए अद्वितीय भारत की कल्पना साकार होगा।

शिक्षा के क्षेत्र में भारत सदियों से विश्व गुरु रहा है आज भी भारत की गरिमा जीवित है हमारी संस्कृति ही हमारी धरोहर है जो हमे अनेकता में एकता का सीख दी जाता है। शिक्षा में यहाँ आये दिन डेवेलपमेंट हो रहा है आज डिजिटल इंडिया के लिए इंटरनेट को बढ़ावा दे रहे है और हमारे देश की तरक्की में डिजिटल का महत्व है शिक्षा सभी के अधिकार में है और हमारे यहाँ आज सभी तरह के शिक्षा गुणवता में वृद्धि हो रहा है आज सभी लोग जागरूक है और 21वी सदी की भारत विकसित भारत बने की ओर अग्रसर है।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-18वर्ष 'विद्यार्थी'
रामनगर, कवर्धा, छत्तीसगढ़

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