भारत का विरासत ताजमहल
विश्व मे हमारी पहचान विश्व गुरु से है और हमारा देश विविधता और अनेकता में एकता हिन्द की विशेषता है।हम उस देश के निवासी है जहाँ हमारी पहचान विश्व मे ताजमहल से हुई कहना गलत नही होगा यह भी पहचान का एक हिस्सा है। 2007 में 7अजूबे इस दुनिया के,पहले नंबर पर ताजमहल आया। आजाद भारत की विकास जोरो पर है ऐसे में हमे जो विरासत में मिले वह हमारी देश की उपलब्धी है। शाहजहाँ की रूहानी मोहब्बत मुमताज के साथ रहा और ताजमहल प्यार की निशानी बनी, सच में उनकी मोहब्बत अद्भुत वात्सल्य था।
ताजमहल उत्तरप्रदेश के आगरा जिला में है, जो नई दिल्ली से तकरीबन 250किलोमीटर में है, इसे प्यार का शहर कहा जाए तो खूबसूरती बंया करेगी,प्यार का इतिहास आज का नही सदियों से चली आ रही है वह मुमताज और शाहजहाँ की मोहब्बत हो या श्री कृष्ण और रूखमणी की मोहब्बत। ताजमहल युमना नदी के तट में है, जो मनमोहक दृश्य परिलक्षित करता है, इसका निर्माण सन् 1632- 1653 में हुआ, सफेद संगमरमर का क्षटा बिखेर रही है।
यूनेस्को द्वारा सन् 1983 इसे विश्व की विरासत में शामिल किया गया, हमारी विरासत विश्व की विरासत तक का सफर तय किया। हमारी विरासत ही हमारी संस्कृति का परिचायक है, हमारी संस्कृति की बखान पूरी दुनिया मे तारीफ की गई है। ताजमहल दुनिया में एक अलग तरह का ईमारत में से एक है, हम उस देश का हिस्सा है जहाँ राजाओं ने अपनी प्राण की आहुति दी लेकिन राष्ट्र को मिटने नही दिया और हमारी संस्कृति हमारी विरासत को सहेज कर हमें सौंप कर गये, हमारी संस्कृति हमे विश्व मे अलग पहचान दिलाती है।
ताजमहल का निर्माण जब 1632 में हो रहा था तब न जाने कितने मजदूर की मृत्यु हो गई, उनके खून पसीने के मेहनत से आज ताज विश्व का ताज है। शांति सौहार्दता का प्रतीक आज विधमान है, इसके साक्षी पूरी दुनिया है, अद्भुत है जो हमें जोड़कर रखी हुई है। ताजमहल का निर्देशांक 27°10'30" उत्तर व 78°02'31" पूर्व में में विद्यमान है। वास्तुशैली मुगल का है, यह 17 हेक्टेयर में फैला हुआ है, ताजमहल की ऊँचाई 73 मीटर है। इसका निर्माणकर्ता उस्ताद अहमद लाहौरी है, 1000 हाथी तथा 22000 मजदूर की निशानी है जो उनके संघर्ष और मेहनत से बना, लागत मूल्य 3अरब 20 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुआ, 28 प्रकार के पत्थर व रत्न श्वेत संगमरमर जड़े हुए है।
19 वी सदी तक आते आते जीर्ण शीर्ण हो गई थी जिसे पुनः सजाया गया। 1857 में आजादी की लौ भारतीय स्वंतत्रता संग्राम की धधक रही थी उस वक़्त सरकारी अधिकारी व अंग्रेज अधिकारी द्वारा ताजमहल में कब्जा किया गया था जिसे अपना आगरा के मुख्य कार्यालय में तब्दील किया गया था। बाद में बागों को ब्रिटिश शैली में बदला गया जो आज भी देखने को मिलता है। भारत सरकार आज ताजमहल की विरासत की मालिकाना हक रखते है, 30से 40 लाख पर्यटक प्रति वर्ष आते है, 2 लाख विदेशी पर्यटक का जमावड़ा प्रति वर्ष रहता है। कारवां बनते गया, ताज वाकिफ में ताज है जो हमेशा की तरह आज भी चमक रहा है।
-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"
उम्र-20वर्ष 'बीएससी अध्ययनरत'
साइंस कॉलेज दुर्ग
दुर्ग, छत्तीसगढ़
मो.-8085686829
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