गुरुवार, 23 अगस्त 2018

रक्षाबंधन विशेष

रक्षाबंधन विशेष

रक्षाबंधन भाई बहन का पवित्र पर्व है। यह सादगी, एकता, शांति, अखण्डता, भाईचारे तथा अमरत्व का पर्व है। हिन्दू धर्म के साथ साथ इसे सिख, बौद्ध, क्रिश्चियन, मुस्लिम, तथा नेपाली आदि समुदाय के लिए भी इस पर्व को हर्षउल्लासपूर्ण मनाते है। अनेकता में एकता और अखण्डता का पर्व यह भारतीय संस्कृति का एक सामाजिक नही अपितु राष्ट्रीय एकता का पर्व है। यह पर्व श्रावण पूर्णिमा के दिन प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है, भद्रा और राहुकाल में राखी बांधने से बचना चाहिए, यह पवित्र पर्व भाई बहन का होता हो, जो सिर्फ एक दिन की प्रेम नही परन्तु हमेशा प्रेम का स्वछंद उदाहरण है।

रक्षाबंधन पर्व मनाने के पीछे अलग अलग तथ्य है इस दिन विष्णु भगवान के एक अवतार हयग्रीव का जन्म हुआ था उसके विष्णु भगवान और लक्ष्मी माँ का विशेष रूप हयग्रीव के लिए रहा इसलिए रक्षाबन्धन पर्व प्रेम भाईचारे का महत्व प्रतिपादित करता है।

महाभारत के समय का तथ्य अलग है जब महाभारत का युद्ध होने वाला था तब द्रोपदी ने कृष्णा जी के हाथ में रक्षाधागा बांध कर, अपनी रक्षा के लिए अपने भाई से वरदान मांगी और कृष्ण जी ने अपना वचन निभाये, यह एक श्री कृष्ण और द्रौपदी जी के बीच भाई बहन का प्रेम को परिलक्षित करता है साथ ही साथ सुरक्षा का धर्म भी निभाते है।

यम भगवान यमुना माँ से 12वर्ष तक मिलने नही आये तब युमना गंगा माँ को अपना दुख सुनाती है तब गंगा माँ यम को संदेश भेजती है तब यम आते है यमुना से मिलने उनके मिलन प्रेम और भाई बहन का मिलन रहता है,पूरी दुनिया देखती रहती है माँ यमुना यम का स्वागत करती है, फिर उनको रक्षाधागा पूजा अर्चना के बाद बांधती है और उनका मन पसन्द व्यंजन बनाई रहती है उसे परोसती है तब यम माँ यमुना को अमरत्व का आशीर्वाद देते है और इसी तरह युगों युगों से रक्षाबंधन का पर्व सम्पूर्ण विश्व मे मनाते आ रहे है।

रक्षा बंधन भाई बहन का पर्व है, हमारा यह पर्व सिर्फ दिखावे का नही है यह हमें एक सूत्र में बांधे रखती है। रक्षाबंधन पर्व का लक्ष्य तभी सम्भव होगा जब सभी भाई श्री कृष्ण की तरह सोच रखे। मानसिकता बदलने की जरूरत, दिन ब दिन समाज मे एक गलत छवि बन रही है उसे समाप्त करना होगा, सभी बहन बेटी को एक समान समझना होगा, जितना सम्मान हम अपनी बहन की करते है उतना सभी बहनो का करना होगा। चौराहे पर देख कर किसी भी लड़की को सिटी बजाना छोड़, थियेटर में शर्मनाक हरकत और गंदे गालियां बन्द करेंगे उस दिन लक्ष्य पूरा होगा। एक गलत छवि खड़ा किये उसे खत्म कर सभी का इज्जत करना सीखें तब जाकर रक्षाबंधन पर्व का लक्ष्य पूरा होगा।

-अमित चन्द्रवंशी "सुपा"

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