शुक्रवार, 1 जुलाई 2016

सवांद:- मैं और मेरा दोस्त

सवांद:-मैं और मेरा दोस्त
                   -अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
मैं
रास्ते ना सही पर सही दिशा दिखने वाला तो कोई हैं मंजिल से रूबरू करने वाला मेरा एक साथी तो हैं चल भाई मंजिल मिले या मंजिल का रास्ता हम तो उसे पर करके  दम लेंगे।

मेरा दोस्त
हाँ दोस्त मुझे तो इस दुनिया का सेवा करना हैं दुनिया में आप ही बस नही हो मुझे तो सभी को नेक रास्ता तय करना है जीवन के नवीं में हर पल सबके साथ खड़ा होना हैं।

मैं
हाँ दोस्त ये भी सही हैं सबको ज्ञान देना उचित हैं ज्ञान के मार्ग पर चल कर जीवन में आगे बढ़ते जाएंगे तब जाकर हमें मंजिल करीब होगा मंजिल मिले या फिर तुजुर्ब दोनों नवीं है।

मेरा दोस्त
हाँ मेरे बंधु मुझे सबका सेवा करना हैं आखिर मैं इस दुनिया में नेक कर्म के लिए ही जन्म लिया हूँ और मेरा पुरुषर्त भी सबका सेवा और अच्छे मार्ग में चलने का रास्ता प्रदवित करता हैं।

मैं
मेरे दोस्त आप तो सच में जगत के पालन कर्ता हैं आप दुनिया में आये भी खास मकशद से है दुनिया को ज्ञान का मार्ग आप से बेहतर ओर कौन जानता हैं आप तो दुनिया में शांति भाईचारे आसानी से ला सकते हैं।

मेरा दोस्त
हाँ बंधु पर यह काम मेरे अकेले से नही होगा मुझे तो सबका साथ चाहिए जब सब साथ हो जायेंगे तब हिन्दू-मुस्लिम का फासला नही होगा और बीच से दुश्मनी का दिवार भी हट जायेगा।

               -अमित चन्द्रवंशी"सुपा"

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