देश के खातिर एक पहल और एक सोच छोटे भाई अमित चन्द्रवंशी"सुपा" भाई के साथ।
जोर शोर सभी दिशा में छाये हुए है कि चीनी समान का उपयोग न करे। उस वक़्त कहा थे? जब किसान आत्महत्या कर रहे थे और आप कोकोकोला , पेपसी पीते रहते थे ; विदेशी शराब पुरे भारत में बिकता है , क्या अब शराब पीना छोड़ देंगे न ? नही छोड़ सकते हैं , कहाँ गई आपकी इंसानियत ? कल तक सिर्फ किसान मरते थे, आज तो सरहद में सेना पर पहाड़ टुटने वाला हैं; फिर भी आप शराब पीना नही छोड़ सकते हैं। प्रश्न छोटा है पर मानवता पर कटक्षवार करता हैं।
'विदेशी समानों के बेगार तो जिन्दगी मुमकिन नही हैं।' बोलने वाले गौर कीजिएगा ; पहले भी लोग जीते थे बेगर विदेशी समानों के , फिर आप क्यों नही? स्वदेशी अपनाए और भारत का बेहतर कल बनाये; आज चाइना और दुसरे देश इसलिए सक्षम है क्योकि वे अच्छे इंजीनियर , वैज्ञानिक और डिज़ाइनर आदि को उचित दाम में जॉब में रखते हैं और वे सब पुनः भारत में आने का सोचते नही हैं,'भारत में योग्यता के अनुसार जॉब और इनकम नही मिलती हैं।' जिससे भारतीय मुल्क़ के लोग विदेशों में जाकर बसने लगे हैं; देश कि तरक्की तो विदेशो में हैं फिर देश में तरक्की कहाँ से आयेगी?
छोटी छोटी बाते पर गौर कीजिए;आज वह समय है ,जहाँ पुरे देश में नशीली पदार्थो पर रोक लगा दीजिए ताकि देश के बेहतर कल सड़क चौराहो में न कुचले जाये। स्वयं बदलिए , आज समझोता करने का वक़्त नही है सिर्फ एक्शन लेने का वक़्त हैं। सभी विदेशी समानों का बहिष्कार कीजिए; नेलकटर ,विदेशी शराबो, सुईयां, विदेशी गाड़ी , इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और पटाखे इत्यादि विदेशी चीजों का भारत में बहिष्कार कीजिए। एक नया बदलाव आयेगा और भारत में हूनर की कमी नही हैं, धीरे धीरे सभी चीजें बनाना सीख जायेंगे।
"आज जंग में जायेंगे 10साल पीछे चले जायेंगे,
कुछ नही होगा फिर नक्शा बदल जायेगा।
भारतीयो साथ साथ आगे बढ़ते चले जाओ,
आखिर वक़्त हैं चाइना समान टिकता नही हैं।"
अभी चाइना समानों पर रोक लगा दीजिए तथा धीरे धीरे सभी समानों पर रोक लगा दीजिए ताकि बेहतर कल की कलपना किया जा सके। देश से बड़ा कुछ नही हैं , आखिर अब किसान और जवान शहीद नही होंगे; वक़्त के साथ देश के लिए खड़ा होना सीखे, एक सोच एक पहल देश बदल सकता हैं। चाइना समान और विदेशी समानों का उपयोग न करे।
-अमित चन्द्रवंशी"सुपा"
उम्र-17साल 'विद्यार्थी'
रामनगर,कवर्धा जिला-कबीरधाम
छत्तीसगढ़ मो.-8085686829
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें